Tuesday 12 December 2023

श्रापित शीशा - एक खोफनाक कहानी (2023)


श्रापित शीशा - एक खोफनाक कहानी (2023)


यह एक husband wife की कहानी है जो कि अभी अभी एक नए घर में शिफ्ट हुए है 

विशाल - रिया तुम नहाकर आओ मैं अभी आता हूं 

तब रिया नहाने के लिए चली जाती है 

रिया जब नहाकर वापस आई तो श्रृंगार करने के लिए उसने अपने शीशे से कपड़ा हटा दिया और उसके सामने बैठकर बड़े ही प्यार से संवरने लगी।


रिया अभी श्रृंगार कर ही रही थी कि अचानक उसने देखा कि उसका प्रतिबिंब शीशे के अंदर से हाथ में खाना लिए उसे ही देने आ रहा है।

हाथ में खाना देख रिया ने सबसे पहले अपने आसपास देखा लेकिन आसपास कोई नहीं था।

फिर जब वो शीशे के पास गई तो शीशे में से दो हाथ बाहर निकले और रिया को खाना देने लगे। इतने में विशाल आ जाता है।

विशाल," कब से बैल बजा रहा हूँ ? देखो ना... मेरे साथ कौन आया है ? मेरे प्रोफेसर... मिस्टर अतुल। "

रिया," आ जाइए। मैं वापस आ गई हूँ।

रिया की बात विशाल को समझ नहीं आ रही थी लेकिन जब वो प्रोफेसर के साथ घर के अंदर आया तो उसे यकीन ही नहीं हुआ कि ये घर उसी का है।

प्रोफेसर," अरे वाह विशाल ! तुमने तो अपने घर को महल ही बना दिया। "

अतुल घर के सामान को देख ही रहा था कि उसकी नज़र शीशे पर पड़ी जिसे देखकर उसके पसीने छूटने लगे।

प्रोफेसर," ये... ये श्रापित शीशा यहाँ पर कैसे आया ? तोड़ दो इसे वरना विशाल यह तुम्हारे पूरे घर को खा जायेगा। "

अतुल शीशे को देख बगल से फूलदान उठाता है और गुस्से में शीशे की तरफ जैसे ही फेक देता है, अतुल का यह वार खाली चला जाता है।

उसने जैसे ही फूलदान शीशे की तरफ फेंका, उसके अंदर से एक और रिया बाहर निकल आई और उसने वो फूलदान पकड़कर दोबारा अतुल की तरफ फेंक दिया जिसके लगते की अतुल बेहोश हो गया।

विशाल," रिया, तुम ये क्या कर रही हो ? तुम्हारा दिमाग तो ठीक है ? "

रिया," तुम्हारे सामने वो तुम्हारी पत्नी को मार रहा है तुम हो कि खड़े खड़े बस तमाशा देख रहे हो। कैसे पति हो तुम ? "

रिया बहुत ही गुस्से में थी उसने विशाल को जोर से धक्का मारा विशाल दीवार से टकराकर जमीन पर गिरता है 

अगली सुबह जब विशाल की आँखें खुली तो उसने खुद को अस्पताल में पाया। उसने बस होश सम्भाला ही था कि उसे पिछली रात को घटी वो घटना याद आ गयी जिसके याद करते ही वह सहम सा गया और प्रोफेसर को ढूंढने लगा।

विशाल," प्रोफेसर... प्रोफेसर, प्रोफेसर अतुल।

नर्स," तुम क्यों बवाल करता है ? तुम जिसको ढूंढ रहा है वो तो दूसरे आईसीयू वार्ड में है। जाओ जाकर मिल लो। "

विशाल," प्रोफेसर, मेरी पत्नी रिया क्या हो गया है ? अब वो इस तरह से क्यों बर्ताव कर रही है ?

और मेरे जाने से पहले घर में इतना सामान तो नहीं था फिर अचानक से वो झूमर, मूर्तियां... ये सब कहाँ से आ गये ? "

प्रोफेसर," क्योंकि विशाल जो तुम्हारे घर में वो शीशा है वो श्रापित है। मिस्र की रानी का काला जादू शीशे में कैद है जिस किसी शख्स की परछाई उस शीशे पर पड़ती है, उसकी परछाई उस शीशे में हमेशा के लिए कैद हो जाती है और वो मिस्र की रानी उसकी परछाई से कुछ भी करवा सकती है। "

विशाल," तो क्या मेरी पत्नी की परछाई उस मिस्र की रानी ने शीशों में कैद कर ली है ? "

प्रोफेसर," मगर जिस किताब में मैंने इसे पढ़ा था। उसमें इसका तोड़ भी लिखा था। विशाल, अगर तुम अपनी पत्नी की परछाई को श्राप से मुक्त करना चाहते हो तो तुम्हे उस को तोड़ना ही होगा, वो भी जल्द से जल्द क्योंकि बिना परछाई के तुम्हारी पत्नी ज्यादा दिन जिंदा नहीं रह सकती। "

विशाल," मगर कोशिश तो आपने भी करी थी और इसीलिए तो आप यहाँ पर इस आईसीयू में पड़े है। "

विशाल घर आया तो उसने देखा कि रिया आराम से बिस्तर पर सो रही है। उसका फायदा उठाते हुए विशाल ने श्रापित शीशे को पहले बड़े कपड़े से ढका फिर उस श्रापित शीशे को एक बड़े शीशे के सामने खड़ा कर दिया।



दोस्तो शापित शीशा का next part देखने के लिए please like share and comment


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